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Big Breaking: 10 महीने में 2 ट्रॉफी जिताने वाला कप्तान टेस्ट से जायेगा तो पता था, पर ऐसे समय पर..



कल जब एक और पूरा देश भारतीय आर्मी के बड़े गौरवपूर्ण काम से खुशी से झूम रहा था, शाम होते होते एक न्यूज ने दिल तोड़ दिया। आप अगर क्रिकेट के बारे में जानते हैं, क्रिकेट देखते हैं, तो रोहित शर्मा नाम के तूफान के बारे में आपको जरूर पता होगा। रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट के लिए इतना कुछ किया है कि, शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। भारत 12 सालों से आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीता था, ट्रॉफी की दहलीज तक पहुंच तो जाती थी हमारी टीम, पर हाथ आया पर मुंह न लगा वाला बात हो जा रही थी। 

10 महीने में 2 ICC टूर्नामेंट जिताए रोहित ने 

पर रोहित शर्मा ने इन सब चीजों को खत्म करते हुए न सिर्फ ट्रॉफी का सूखा खत्म किया, बल्कि 10 महीने बाद एक और ट्रॉफी भारत की झोली में डाल दी। हालांकि इस बीच रोहित शर्मा के करियर में काफी उतार चढ़ाव आए। खासकर से टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा का प्रदर्शन उनके लिहाज से नहीं रहा।  

इस सीरीज से रोहित का टेस्ट करियर ढलान पर आया

रोहित के असली डाउनफॉल की शुरुआत बांग्लादेश टेस्ट सीरीज से होती है, जिस सीरीज में रोहित का बल्ला उनसे रूठा रहा। हालांकि भारत सीरीज जीत चुकी थी। इसके बाद न्यूजीलैंड भारत आती है और सीरीज भी गंवाती है, कप्तान रोहित का बल्ला भी नहीं चलता है। भारत पहली बार न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज अपने घर पर हारती है। टीम की बहुत आलोचना होती है। 

ऑस्ट्रेलिया दौरे भी न बल्ला चला, न टीम जीती

बहरहाल टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाती है, जहां पर रोहित शर्मा पहले टेस्ट में कप्तानी नहीं कर रहे होते हैं, तो जसप्रीत बुमराह की अगुवाई में टीम पहला मुकाबला जीत जाती है। इसके बाद रोहित शर्मा कप्तान के तौर पर वापस आते हैं। लेकिन न तो उनका बल्ला उसका साथ देता है, न हीं टीम मैच जीतती है। फॉर्म इतनी खराब हो जाती है कि, कप्तान होकर वो आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर कर देते हैं।  

उसके बाद कई इंटरव्यू में रोहित कहते हुए आते हैं कि, वो अभी इस फॉर्मेट को खेलना जारी रखना चाहते हैं। पर हालात और परिदृश्यों ऐसे बदले कि, चयनकर्ता रोहित को कप्तानी से हटाने वाले थे और रोहित ने बिना कोई समय गवाएं टेस्ट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। 

घातक अंदाज में हुई थी रोहित के टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 

रोहित शर्मा का टेस्ट करियर जिस तरह से रहा, शायद ही रोहित दी इसकी अपेक्षा की होगी। रोहित का टेस्ट डेब्यू 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ होता है। वह सीरीज सचिन तेंदुलकर की आखिरी सीरीज थी। अपने पहले ही टेस्ट मैच में वह शतक जड़ देते हैं और अगले मैच में भी शतकीय पारी खेलते हैं। लगता है कि, रोहित टेस्ट में भी लोहा बनवाएंगे। लेकिन रोहित इसके डीएनए को समझ पाए और अंदर बाहर होते रहे। 

2019 से रोहित ने टेस्ट में भी मनवाया लोहा

साल 2019 आता है। दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत में टेस्ट सीरीज खेलने आई होती है, तब टीम के कप्तान और कोच विराट कोहली और रवि शास्त्री ये निर्णय लेते हैं कि, रोहित शर्मा को बतौर ओपनर खिलाया जाए। फिर क्या था।  

इसके बाद तो मानो रोहित शर्मा की चल पड़ी। उस सीरीज के पहले ही मैच में रोहित ने शतक जड़ा। इसके बाद रोहित शर्मा ने पीछे नहीं देखा और अपनी जगह पक्की की। फिर 2021 में वह टीम के कप्तान भी बन गई। रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर में कुल 67 मुकाबले खेले हैं, जिसमें 18 अर्धशतक और 12 शतक की बदौलत 4,301 रन बनाए हैं। आपको हम इस फॉर्मेट में जरूर मिस करेंगे रोहित शर्मा...

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