यह साल था 2014 का जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड दौरे पर थी। सबसे पहले दोनों टीमों के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज खेली गई। इस वनडे सीरीज को न्यूजीलैंड ने 4-0 से अपने नाम की थी। इसी सीरीज में एक मैच ऐसा भी रहा जिसमें सभी भारतीयों की सांसे थम गई थी।
जी हां, यह वनडे सीरीज का तीसरा मैच था।इससे पहले भारतीय टीम दोनों मैच गंवा चुकी थी और उसे उस सीरीज में बने रहने के लिए यह मैच जीतना जरूरी था।
धोनी ने जीता टॉस, न्यूज़ीलैंड से कराई पहले बल्लेबाज़ी
करो या मरो के मैच में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की तरफ से मार्टिन गुप्टिल (111) ने शतकीय पारी खेली तथा केन विलियमसन (65) ने भी अर्ध शतक जमाया। इन दोनों की बदौलत न्यूजीलैंड ने 2 विकेट के नुकसान पर 314 रन बनाए। गेंदबाजी में मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा ने दो-दो विकेट अपने नाम किए।
अच्छी शुरूआत के बाद लड़खड़ाया भारत
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को रोहित शर्मा और शिखर धवन ने 64 रनों की ठोस शुरुआत दिलाई। हालांकि इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते गए और एक समय स्कोर था 4 विकेट के नुकसान पर 79 रन। यहां से धोनी और रैना की जोड़ी ने पारी संभाली और 67 रन जोड़े। इसके बाद 146 के स्कोर पर सुरेश रैना (35) और 184 रन पर धोनी (50) भी आउट हो गए। क्रीज पर अब थे रविंद्र जडेजा और अश्विन। अब लग रहा था कि न्यूजीलैंड यहां से आसानी से मैच जीत जाएगी लेकिन जडेजा और अश्विन ने ऐसा नहीं होने दिया और दोनों ने 85 रन जोड़ दिए।इसी बीच अश्विन ने अपने करियर का पहला पचासा जड़ा।हालांकि पचासा जड़ने के बाद अश्विन आक्रामक रवैया अपनाने लगे, लेकिन 65 रनों के निजी स्कोर पर वह बाउंड्री पर लपके गए। यहां से भारतीय टीम को जीत के लिए 45 रन और चाहिए थे, जबकि 3 विकेट उसके हाथ में थे।इसके बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने 2 विकेट और झटक लिए। अब टीम का स्कोर था 2 विकेट के नुकसान पर 286 रन। भारत को जीतने के लिए 13 गेंदों में 28 रनों की दरकार थी।
आखिरी ओवर का रोमांच
भारत को अब 6 गेंदों में 18 रन बनाने थे। क्रीज पर थे रविंद्र जडेजा और गेंद थी कोरी एंडरसन के हाथ में। पहली बॉल में जडेजा ने चौका जड़ दिया। इसके बाद एंडरसन ने दूसरी गेंद वाइड फेंक दी और अगली दो गेंदे जडेजा मिस कर बैठे।अब टीम को दरकार थी 3 गेंदों पर 13 रनों की। चौथी गेंद भी एंडरसन वाइड कर बैठे। इसके अगली गेंद पर जडेजा ने बाउंड्री लगा दी। अब पारी की आखिरी दो गेंदें शेष बची थी और भारतीय टीम को जीत के लिए 8 रन चाहिए थे ।अब लग रहा था कि न्यूजीलैंड यह मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर लेगी लेकिन 5 वी गेेंद पर जडेजा ने छक्का जड़कर भारत को दोबारा मैच में वापस ला दिया। आखिरी गेंद पर भारत को 2 रन चाहिए थे लेकिन जडेजा एक ही रन ले पाए और यह मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ।जडेजा ने 66 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए भारतीय प्रशंसकों का दिल जीत लिया। यह मैच भले ही ड्रॉ हुआ लेकिन जडेजा और अश्विन की जोड़ी ने इस बार गेंद से नहीं बल्कि बल्ले से जौहर दिखाकर भारतीय टीम को सीरीज में बनाए रखा।
Write a Comment