कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है और कुछ यही कहानी हमें भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए फाइनल मुकाबले में देखने को मिली। आज भारत ने 12 साल बाद कोई वनडे टूर्नामेंट जीता है। आखिरी बार भी भारत ने धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी ही जीती थी।
इस बार रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जिताया। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड से मिले 252 रनों के लक्ष्य के जवाब में भारतीय टीम ने 49 ओवर में 254/6 रन बनाकर चार विकेट से यह मुकाबला अपने नाम कर लिया।
भारतीय स्पिनरों का रहा बोलबाला, डेरिल मिचेल और ब्रेसवेल की बेहतरीन पारियां
इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। इस निर्णय को उनके सलामी बल्लेबाजों रचिन रविंद्र और विल यंग ने सही भी ठहराया। लेकिन जब वरुण चक्रवर्ती अटैक में आए और उन्होंने विल यंग को आउट किया।
उसके बाद तो मानो न्यूजीलैंड की पारी पटरी से उतर गई और इसके बाद रचिन रविंद्र, केन विलियमसन, टॉम लाथम भी जल्द आउट हो गए। लग रहा था कि, न्यूजीलैंड की टीम 200 रनों तक भी नहीं पहुंच पाएगी।
लेकिन डेरिल मिचेल और ग्लेन फिलिप्स के बीच सुलझी हुई साझेदारी के बाद माइकल ब्रेसवेल के आक्रामक अंदाज में आए 53* रनों की बदौलत न्यूजीलैंड 251 के स्कोर तक पहुंचा। भारतीय टीम की ओर से कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती दोनों को दो-दो विकेट मिले, जबकि शमी और जडेजा को एक-एक विकेट मिला।
रोहित ने की ताबड़तोड़ शुरुआत, पर जीत आसानी से नहीं मिली
इसके बाद भारतीय टीम जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी, तो दबाव रोहित शर्मा और गिल दोनों पर था खासकर से रोहित शर्मा, जो अभी तक आईसीसी फाइनल में 50 के आंकड़े को पार नहीं कर पाए थे।
लेकिन इस मुकाबले में रोहित शर्मा फिर से उसी अंदाज में खेलते हुए नजर आए, जिस अंदाज के लिए वह जाने जाते हैं। उन्होंने बहुत बढ़िया बल्लेबाजी करते हुए 83 गेंदों में 76 रन बनाए। हालांकि ग्लेन फिलिप्स ने गिल के एक शानदार कैच ने भारत के इस आसान जीत को थोड़ा मुश्किल जरूर कर दिया था।
इसके बाद श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल की अच्छी पार्टनरशिप हुई न उसके बाद हार्दिक पांड्या और केएल राहुल ने कुछ रन जोड़े। हार्दिक पांड्या जब आउट हुए, तो जीत महज एक औपचारिकता थी और जडेजा ने विजयी चौका लगाकर भारत को 12 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी जिताई।
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