सोमवार का दिन एक ऐसा दिन होता है, जिस दिन से लोग एक नई आशा के साथ अपना दिन शुरू करते हैं पर बीता सोमवार उत्तराखंड के लिए काला दिन की तरह हो गया। जी हां, ये बात अल्मोड़ा बस हादसे के लिए कही जा रही है।
यह इतना भयावह दिन रहा कि, 36 लोग हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए। इनमें से एक तीन वर्षीय मासूम बच्ची के ऊपर से माता-पिता का साया भी उठ गया। जी हां, इस घटना में 3 साल की शिवानी के माता-पिता की भी मृत्यु हो गई। शिवानी गंभीर रूप से लहूलुहान हुई है।
शवों में अपने माता पिता को खोज रही थी शिवानी
वहां पर मौजूद लोगों के लिए यह कितना दुखद एहसास रहा होगा कि, 3 साल की मासूम बच्चे जमीन पर पड़े शवों के बीच अपने माता-पिता को खोज रही है। लेकिन उसे कहां पता था कि, उसके माता-पिता तो अब संसार में रहे ही नहीं।
इस दौरान घायल शिवानी मम्मी पापा चिल्लाती रही, जिसे देखकर हर किसी की आँखे छलक पड़ी। शिवानी की हालत की गंभीरता को देखते हुए उसे एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश के एम्स भेजा गया।
खबरों के अनुसार पौड़ी जिले के दिगोलीखाल के बिरखेत की रहने वाली 3 वर्षीय शिवानी रावत अपने पिता मनोज रावत और माता चारु देवी के साथ दिवाली का त्यौहार मनाने के लिए अपने गांव आई हुई थी।
दीवाली के बाद वे सभी दिवाली मनाकर हँसी खुशी बीते सोमवार को गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की बस संख्या UK12 PA 0061 मे सवार होकर नैनीताल जिले के रामनगर की ओर जा रहे थे। लेकिन बस जैसे ही अल्मोड़ा जिले के सल्ट तहसील के कुपी मोटर मार्ग पर पहुंची तो अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी।
Write a Comment