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सीएसके ने ऐसे क्या बदलाव किए जिसकी वजह से उनका प्रदर्शन हुआ धमाकेदार

सुरेश रैना और मोईन अली एक मैच के दौरान


 जब 2020 में आईपीएल खेली गई तो उसमें चेन्नई का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। वे पॉइंट्स टेबल में सातवें स्थान पर रहे थे। 2021 में भी जब आईपीएल शुरू होने वाली थी तो बहुत सारे दिग्गज खिलाड़ियों ने कहा था कि इस बार भी चेन्नई प्लेऑफ में क्वालीफाई नहीं कर पाएगी, लेकिन चेन्नई ने सब को गलत साबित किया और वे टूर्नामेंट स्थगित होने तक सात मैचों में पांच मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल में दूसरे स्थान पर रहे। तो इस बार चेन्नई नही ऐसे क्या बदलाव की जिसकी वजह से  उनके प्रदर्शन पर इतना सुधार आया।

जो महत्वपूर्ण बात रही वही अपने खिलाड़ियों पर भरोसा करना। इसी पिछली बार जब यूएई में आईपीएल खेली गई तो धोनी अपनी टीम में लगातार बदलाव करते गए। पहले मैच चेन्नई की ओर से ओपनिंग करने सेन वाटसन और मुरली विजय जाए लेकिन मुरली विजय के लगातार फ्लॉप होने के बाद उनको टीम से ड्रॉप कर दिया गया।इसके बाद ओपनिंग कंबीनेशन में लगातार बदलाव होते गए।फिर वो अंतिम मैच तक ऋतुराज गायकवाड और फाफ डू प्लेसिस के साथ बने रहे। कुछ ऐसा ही नारायण जगदीशन के साथ हुआ उनको भी जब मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने का मौका मिला तो भी फ्लॉप रहे और उनको ड्रॉप कर दिया क्या। गेंदबाजी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला पहले वे पांच गेंदबाजों के साथ उतर रहे थे लेकिन फिर बाद के मैचों में वे छह गेंदबाजों के साथ उतरे। हालांकि इस बार इसके उलट हुआ। उनके ओपनर बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड पहले की तीन मैचों में फ्लॉप रहे लेकिन धोनी ने उन पर भरोसा जताया और फिर उन्होंने अगले दो मैचों में लगातार अच्छी पारियां खेली। उन्होंने जिन सात खिलाड़ियों को पहले मैच में खिलाया था वे टूर्नामेंट स्थगित होने तक उन्हीं सात खिलाड़ियों के साथ बने रहे और उन्होंने विदेशी खिलाड़ियों में बदलाव किए तो वह भी बहुत कम, जैसे मोइन अली चोटिल हुए तो उनकी जगह इमरान ताहिर को मौका दिया गया और जहां की पिच में स्विंग थी उन मैचों में ड्वेन ब्रावो और जहां स्विंग मौजूद नहीं थी वहां लूंगी एंगीदी को खिलाया गया। नतीजा यह रहा कि टीम  पहले सात मैचों में पांच मैच जीतकर पॉइंट्स टेबल में दूसरे स्थान पर रही।

सुरेश रैना और मोईन अली से मिली मजबूती - आईपीएल के पिछले सीजन में सुरेश रैना और हरभजन सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया था जिसकी वजह से टीम को बहुत फर्क पड़ा था लेकिन इस साल सुरेश रैना की आने से टीम को बहुत मजबूती मिली उन्होंने सीजन के  पहले मैच में ही अर्धशतक जड़ दिया हालांकि इसके बाद वह ज्यादा लंबी पारियां नहीं खेल सके लेकिन और मैचों में उनका प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा। इस साल जब ऑक्शन हुई तो उसमें चेन्नई सुपर किंग्स ने मोईन अली को बहुत सारे पैसे खर्च कर कर अपनी टीम में शामिल किया और यह टीम के लिए प्लस प्वाइंट साबित हुआ। धोनी ने उनसे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करवाई और जब टीम को जब कभी भी विकेट की जरूरत थी तब उन्होंने अहम  विकेट लिए चाहे वह राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ हो या चाहे पंजाब किंग्स के खिलाफ, उन्होंने टीम को विकेट ले कर दिए। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए मोईन अली ने हर मैच में डेढ़ सौ की स्ट्राइक रेट से पारियां खेली और छह मैचों में 206 रन बनाकर चेन्नई की तरफ से दूसरे स्थान पर रहे।

तो इन दोनों की शामिल होने से टीम का प्रदर्शन भी अच्छा हुआ और मनोबल भी ऊंचा हुआ।

पावरप्ले में विकेट चटकाना- अगर हम आईपीएल 2020 को देखें तो पाएंगे कि चेन्नई के गेंदबाजों ने पावर प्ले में कुल 14 मैचों में 9 से ज्यादा की इकोनामी की रेट से मात्र 15 विकेट चटकाए और टीम की यही सबसे बड़ी कमजोर कड़ी रही लेकिन इस बार की आईपीएल में जबरदस्त सुधार देखने को मिला। इस बार गेंदबाजों ने 7 मैचों में  15 विकेट पावर प्ले में लिए और अगर टीम को और टीम को पावर प्ले में ही दो तीन विकेट मिल जाते हैं तो टीम दूसरी टीम से हमेशा आगे रहती है। दीपक चाहर ने दो मैचों में चार चार विकेट लिए और सैम करन भी टीम के लिए उपयोगी साबित हुए।

ऑल राउंडर्स का उपयोग अच्छे से करना- चेन्नई की टीम ने अपने ऑल राउंडर्स का बहुत अच्छे से उपयोग किया। हम जानते हैं कि रविंद्र जडेजा की बैटिंग में एक 2 सालों से  बहुत सुधार आया है । पिछले आईपीएल में उन्होंने जबरदस्त बल्लेबाजी की थी लेकिन उनको ज्यादा मौके नहीं मिले। लेकिन इस बार उनको बैटिंग ऑर्डर में प्रोमोट किया गया और नतीजे भी अच्छे निकले और सात मैचों में छह पारियों में 161.73 के स्ट्राइक रेट से 131 रन बनाए जिसमें 62 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। इसी तरह सैम करन ने भी अच्छी बल्लेबाजी की और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 200 से ऊपर का रहा।



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देवेश चम्याल


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