क्रिकेट में मुकाबले तो ढेरों खेले जाते हैं लेकिन कुछ मुकाबले ऐसे भी होते हैं जिनमें अंतिम ओवर तक पता नहीं चलता कि मैच किस पक्ष की ओर जा रहा है। ऐसा ही एक मैच चैंपियंस ट्रॉफी 2013 के फाइनल में खेला गया था,जहां मेजबान टीम इंग्लैंड का मुकाबला भारतीय टीम से था। इस मैच का मजा तब किरकिरा हुआ जब मैच पर बारिश का साया पड़ा। इस वजह से इस मैच को 50 ओवरों की जगह 20 ओवरों का रखा गया।
इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं हुई। रोहित शर्मा 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद विराट कोहली और शिखर धवन के बीच 31 रनों की साझेदारी हुई। इसी बीच शिखर धवन 31 रनों पर आउट हो गए। इसके बाद तो भारतीय टीम संभाल ही नहीं पाई और उसके नियमित अंतराल पर विकेट गिरते गए। दिनेश कार्तिक (6), सुरेश रैना (1) और एमएस धोनी (0) भी ज्यादा देर तक नहीं टिक सके।एक समय भारतीय टीम का स्कोर था 66-5। इसके बाद विराट कोहली ने रविंद्र जडेजा के साथ 47 रन जोड़े। इसकी बदौलत भारतीय टीम 129 रन तक पहुंची। विराट कोहली ने जहां 43 रन बनाए वही रविंद्र जडेजा ने 33 रनों पर नाबाद रहे। इंग्लैंड की तरफ से रवि बोपारा ने 20 रन देकर तीन विकेट चटकाए।
इसके बाद इसके बाद इस ऐतिहासिक फाइनल में लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 46 रनों पर ही कप्तान एलिस्टर कुक(2), इयान बेल (13), जोनाथन ट्रॉट (20) और जो रूट (7) के विकेट गंवा दिए। इसके बाद लग रहा था कि भारत यह मैच आसानी से जीत जाएगा, लेकिन इयोन मॉर्गन और रवी बोपारा की साझेदारी नहीं ऐसा नहीं होने दिया।दोनों बल्लेबाजों ने 64 रन जोड़े।
17 ओवर खत्म होने के बाद इंग्लैंड को 18 गेंदों में 28 रनों की जरूरत थी और लग रहा था कि इंग्लैंड यह मैच अपने नाम कर लेगी। इसके पीछे वजह यह भी थी क्योंकि कप्तान धोनी ने अठारवे ओवर में इशांत शर्मा को कैच थमा दी। ईशांत इस मैच में सबसे खर्चीले गेंदबाज थे और अपने 3 ओवरों में पहले ही 27 रन लुटा चुके थे। ऐसे में इशांत शर्मा के ऊपर धोनी का भरोसा करना किसी को समझ नहीं आया जबकि उनके पास भुवनेश्वर कुमार और अश्विन के रूप में दो विकल्प मौजूद थे। इस ओवर की दूसरी गेंद पर इयोन मॉर्गन ने छक्का जड़ मैच को ओर करीब ला दिया।इसके बाद दबाव में आकर इशांत शर्मा ने अगली दोनों गेंदे वाइड फेंक दी। अब दरकार थी 16 गेंदों में 20 रनों की।
लेकिन इसकी अगली दो गेंदों में जो चमत्कार हुआ इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। इशांत ने लगातार 2 गेंदों पर इयोन मोर्गन 33(30) और रवी बोपारा 30(25) को आउट कर मैच को रोमांचक बना दिया।इसके अगले ओवर में जडेजा ने भी मात्र 4 रन देते हुए जॉस बटलर सहित दो विकेट लिए। अब अंतिम ओवर में इंग्लैंड को दरकार थी 15 रनों की जबकि दो विकेट उसके हाथ में थे। क्रीज में खड़े थे स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स ट्रेडवैल। इस ओवर की पहली गेंद में चूकने के बाद स्टुअर्ट ब्रॉड ने दूसरी गेंद पर चौका जड़ दिया। और फिर अगली तीन गेंदों पर 5 रन बना लिए।
अब अंतिम गेंद में इंग्लैंड को 6 रन चाहिए थे और लग रहा था कि अब यह मैच सुपर ओवर तक जाएगा,लेकिन अश्विन ने आखिरी गेंद पर जेम्स ट्रेडवेल को चारों खाने चित कर दिया और इस तरह भारत ने इस मैच को 5 रनों से अपने नाम करते हुए पहली बार चैंपियन्स ट्राफी पर भी कब्जा किया।इस मैच में मैन ऑफ द मैच रविंद्र जडेजा रहे जबकि मैन ऑफ द टूर्नामेंट शिखर धवन को मिला
भारत129/7(20ओवर)
बल्लेबाजी:विराट कोहली 43 (34), रवींद्र जडेजा* 33 (25) गेंदबाज़ी:रवि बोपारा 3/20(4), जेम्स एंडरसन 1/24(4
इंग्लैंड124/8(20 ओवर)
बल्लेबाज़ी:इयोन मॉर्गन 33 (30),रवि बोपारा 30 (25) गेंदबाज़ी:रविचंद्रन अश्विन 2/15(4) रवींद्र जडेजा 2/24(4
भारत 5 रनों से जीता
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