मुख्य बिंदु:
- ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम का तीसरी बार विश्व कप खिताब जीतने का सपना तोड़ा छठी बार ऑस्ट्रेलिया जीता विश्व कप
- दो आईसीसी टूर्नामेंट इसी साल ऑस्ट्रेलिया के नाम
- ट्रेविस हेड की शतकीय पारी भारतीय टीम पर पड़ी भारी, बने मैन ऑफ द मैच
2011 विश्व कप के बाद से यही होता आ रहा था कि, जो टीम विश्व कप होस्ट करती थी, वही वर्ल्ड कप का खिताब जीतती थी। फिर इसे 2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड ने भी जारी रखा। इस बार जिस तरह का दबदबा भारतीय टीम ने बनाया था, उसे देखते हुए किसी को भी शक नहीं था कि, भारतीय टीम विश्व कप जीतेगी।
सभी इसी उम्मीद में वर्ल्ड कप के फाइनल का इंतजार कर रहे थे, लाखों दर्शक स्टेडियम में भरे पड़े थे और वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे। वहीं करोड़ों भारतीय टीवी पर टकटकी लगाए हुए बैठे थे।
CWC 2023 Final Highlights विस्तार से
लेकिन टॉस से लेकर मैच के रिजल्ट तक भारत के हक में कुछ नहीं रहा और इतना नजदीक आकर भारतीय टीम चोक कर गई। अब लोग साउथ अफ्रीका की तरह भारतीय टीम को भी चोकर्स बता रहे हैं।
बहरहाल इस मुकाबले की बात करें, तो भारतीय टीम से मिले 241 रनों के लक्ष्य के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया और विश्व कप का ताज छठी बार अपने सर पर सजाया।
भारत की खराब बल्लेबाजी, आक्रामक रुख नहीं अपना पाए बल्लेबाज
इस मुकाबले में टॉस पेट कमिंस से जीता और टॉस जीतते ही उन्होंने भारतीय टीम को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया और रोहित शर्मा भी यही चाहते थे कि, वह पहले बैटिंग करें। खुद रोहित शर्मा ने फिर से आक्रामक अंदाज में अपनी पारी खेली।
हालांकि रोहित शर्मा जब आउट हुए, तो वे उससे पहले दो गेंदों में 10 रन बना चुके थे। लेकिन फिर से वे हवाई शॉट खेलने के चक्कर में कैच आउट हो गए। इससे पहले गिल भी जल्दी ही चलता बने थे। जब रोहित शर्मा आउट हुए, उसके बाद तो जैसे बाउंड्री का सूखा सा पड़ गया।
विराट कोहली और केएल राहुल जरूर पारी आगे बढ़ा रहे थे। लेकिन लग नहीं रहा था कि वह पॉजिटिव अप्रोच के साथ खेल रहे हैं।
इसका आलम इसी बात से लगाया जा सकता है कि, 11 से 40 ओवरों के बीच सिर्फ दो ही मौके आए, जो की बहुत परेशान करने वाला क्षण रहा।
भारतीय टीम की तरफ से केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 रन बनाए, जिसमें वह सिर्फ एक ही चौका जड़ सके। इसके अतिरिक्त विराट कोहली 54 रन बनाकर आउट हुए। अंतिम के ओवरों में सिराज और कुलदीप यादव के सहयोगों की बदौलत भारतीय टीम 240 के एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही।
ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी की यहां पर दाद देनी होगी, जिसमें स्टार्क तीन विकेट चटकाने में सफल रहे, तो कप्तान कमिंस और हेजलवुड दो-दो विकेट हासिल हुए।
भारत में पावर प्ले में किया डोमिनेट, फिर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने खूंटा गाड़ा
ऑस्ट्रेलिया की टीम इसके बाद रनों का पीछा करने उतरी। टीम की शुरुआत तेज रही। लेकिन उसने विकेट भी खोए। डेविड वार्नर शमी की गेंद पर लपके गए, तो मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ जसप्रीत बुमराह का शिकार बने।
ऑस्ट्रेलिया की टीम 47 रनों पर तीन विकेट कर कर संघर्ष कर रही थी और भारतीय गेंदबाजों तथा भारतीय फील्डरों पर भी अब जोश बढ़ने लगा था। लेकिन पावरप्ले के बाद भारतीय टीम के कंधे धीरे-धीरे झुकने लगे।
वजह थी ट्रेविड हेड और लाबूशेन का क्रीज पर जम जाना । जी हां, दोनों इस कदर जम गए कि, यह मैच एक तरफ सा लगने लगा। खासकर से हेड की जो पारी रही, उसने ही लगभग भारत को इस मुकाबले से धीरे-धीरे बाहर कर दिया था। ट्रेविस हेड तीसरे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बने, जिन्होंने फाइनल मुकाबले में शतक जड़ा।
हालांकि वह 137 रन बनाकर आउट हो गए और विजयी रन वे नहीं जड़ सके और अगले ही गेंद पर मैक्सवेल ने दो रन लेकर टीम को जीत दिला दी। दूसरी छोर लाबूशेन 58 रन बनाकर नाबाद रहे। भारतीय टीम की ओर से जसप्रीत बुमराह को दो विकेट मिले।
संक्षिप्त स्कोर
भारत 240-10 (50 ओवर)
बल्लेबाजी: राहुल (wk) 66(107), कोहली 54(63)
गेंदबाजी: स्टार्क 3/55, कमिंस (c) 2/34
ऑस्ट्रेलिया 241-4 (43 ओवर)
बल्लेबाजी: ट्रैविस हेड 137(120), मार्नस लाबुशेन 58(110)
गेंदबाजी: जसप्रीत बुमराह 2/43, मोहम्मद सिराज 1/45
परिणाम: ऑस्ट्रेलिया 6 विकेट से जीता
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