भारतीय टीम के ऑलराउंडर इरफान पठान का करियर बहुत बड़ा नहीं रहा। कम ही उम्र में उन्होंने भारत के लिए पदार्पण किया और कम उम्र में ही पठान इंटरनेशनल टीम से बाहर हो गए थे। इरफान पठान के फैंस इसके लिए उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को जिम्मेदार मानते हैं। अब 2025 में इरफान पठान ने इस बारे में अपना बयान दिया है। अपने बड़े भाई यूसुफ पठान और महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका के बारे में भी उन्होंने बोला है।
न्यूजीलैंड दौरे से इरफान पठान का पतन हुआ शुरू
साल 2009 के न्यूजीलैंड दौरे पर इरफान पठान और यूसुफ पठान दोनों को ही टीम में जगह मिली थी। हालांकि इरफान को प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिल रही थी। जिसके बारे में जब उन्होंने कोच गैरी कर्स्टन से पूछा तो उन्होंने हैरान करने वाला जवाब दिया। उस घटना के बारे में लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में इरफान ने कहा, ‘पहला मैच बाहर, दूसरा बाहर, तीसरा बाहर, चौथा मैच भी रद्द, आखिरी मैच भी बाहर… मैंने गैरी कर्स्टन से पूछा कि मुझे क्यों बाहर किया गया। उन्होंने दो कारण बताए – उनमें से एक एमएस धोनी थे। उन्होंने कहा कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं’…’
पठान ने आगे कहा, ‘मैंने पूछा कि ये किसके हाथ में है, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया। मुझे पहले से ही पता था कि ये किसके हाथ में है। प्लेइंग इलेवन कप्तान की पसंद से तय होता है। ये फैसला कप्तान, कोच और मैनेजमेंट का होता है। उस समय धोनी कप्तान थे। मैं इस बात में नहीं पड़ना चाहता कि वो फैसला सही था या गलत, क्योंकि हर कप्तान को टीम को अपने तरीके से चलाने का हक है।’
यूसुफ पठान बन गए टीम की पहली पसंद
गैरी कर्स्टन ने पठान को दूसरा कारण भी बताया। जिसके बारे में इरफान पठान ने बताया, ‘गैरी कर्स्टन का दूसरा जवाब ये था कि वे उस समय सातवें नंबर पर एक बैटिंग ऑलराउंडर की तलाश में थे। मेरे भाई यूसुफ बैटिंग ऑलराउंडर थे, जबकि मैं बॉलिंग ऑलराउंडर था। दोनों एक-दूसरे से अलग थे, लेकिन किसी एक की ही टीम में जगह बनती थी। आज यदि आप पूछेंगे कि दो ऑलराउंडरों की जरूरत है, तो लोग खुशी-खुशी ले लेंगे।’
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