2015 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और भारत की उस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली हार और भारत वर्ल्ड कप से बाहर। 2019 का वर्ल्ड कप, सामने न्यूज़ीलैंड और ऐन मौके पर महेंद्र सिंह धोनी का वह रन आउट।
जी हां, आपको यह दो क्षण भली-भांति याद होंगे और 2019 का मोमेंट तो एक ऐसा मोमेंट था, जो लगभग हर किसी के जुबा पर होगा। जब लग रहा था कि, महेंद्र सिंह धोनी भारत को वह मैच जिता देंगे।
लेकिन वह रन आउट हो गए, जहां से भारतीय टीम की किस्मत नहीं पलट पाई। आज 2023 में फिर से यही दोनों टीमें सेमीफाइनल में मिलेंगे। 2019 में दोनों मैनचेस्टर में मिले थे, तो इस बार मुंबई के वानखेड़े में मुकाबला खेला जाएगा। भारतीय टीम जहां विजय रथ पर सवार है और लगातार 9 मुकाबले जीत चुकी है। वही न्यूज़ीलैंड आखिरी पांच मुकाबलों में एक जीत के साथ सेमीफाइनल में प्रवेश कर पाया है।
अब देखने वाली बात यह रहेगी कि, भारतीय टीम का विजयी रथ जारी रहेगा, या फिर फिर से न्यूज़ीलैंड भारतीय टीम के सपने को तोड़ने में सफल रहेगी।
भारत की बल्लेबाजी से ज्यादा बोलिंग है खतरनाक
भारतीय टीम की बात करें, तो इस समय की जो भारतीय टीम है, वह शायद ही अन्य विश्व कप में देखने को मिली हो। जी हां ऐसा इसीलिए क्योंकि चाहे आप बैटिंग में देख लीजिए, बोलिंग में देख लीजिए या फिल्डिंग में देख लीजिए, सभी जगह यह टीम अव्वल नजर आती है।
रोहित शर्मा अब तक लगभग सभी मुकाबले में भारतीय टीम को तेज शुरुआत देते हुए नजर आए हैं, जिनकी बदौलत भारतीय टीम एक अच्छे स्कोर तक पहुंचती है। शुभमन गिल भी अपना दिन होने पर गेंदबाजों को पस्त कर सकते हैं।
विराट कोहली जो शानदार फार्म में चल रहे हैं, वह अक्सर सेमीफाइनल जैसे मुकाबले में फ्लॉप होते हुए दिखाई देते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण 2015 का विश्व कप और 2019 का विश्व कप है, जब एक मैच्योर खिलाड़ी के तौर पर खुद को साबित कर चुके कोहली ऐसे मुकाबले में फ्लॉप होते हुए दिखे।
ऐसे में विराट कोहली अपना यह रिकॉर्ड सुधारना चाहेंगे। इसके बाद श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी दमदार फॉर्म में है, जो पिछले मैच में शतक जड़कर आए हैं। सूर्यकुमार यादव भी अपनी फिनिशिंग के चलते मुकाबले में बड़ा इफेक्ट छोड़ सकते हैं।
इसके बाद ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा, जो अगर गेंदबाजी से काम नहीं करते हैं, तो बल्लेबाजी से वे अपनी भूमिका निभाते हैं, नहीं तो गेंदबाजी, बल्लेबाजी, फील्डिंग किसी भी विभाग में वे अपना बेस्ट देकर टीम हित में प्रदर्शन करते हैं।
गेंदबाजी तो भारतीय टीम की बहुत आला रही है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और साथ में मोहम्मद सिराज के सामने विपक्षी टीम के बल्लेबाज घुटने देखते हुए नजर आए हैं। यहां भी वे अपने रुतबे को कायम रखना चाहेंगे।
कुलदीप यादव भी बीच के ओवर में अपनी भूमिका बहुत अच्छे तरीके से निभाते हैं।
न्यूज़ीलैंड की बैटिंग विलियमसन के आने से मजबूत, लेकिन गेंदबाजी में मैट हेनरी की खलेगी कमी
न्यूज़ीलैंड की बैटिंग की जब बात आती है, तो उसमें कप्तान केन विलियमसन का जिक्र जरूर होता है। हालांकि विलियमसन ने इस विश्व कप में ढेर सारे मुकाबले चोट के चलते मिस किए।
टीम में डेवोन कन्वे और रचिन रविन्द्र के रूप में अच्छे सलामी बल्लेबाज है। रचिन रविन्द्र ने तो लीग मुकाबले में भारतीय टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था।
इसके बाद केन विलियमसन, ग्लेन फ्लिप्स, टॉम लैथम, डेरिल मिचेल इस बल्लेबाजी क्रम को और पुख्ता करते हुए दिखाई देते हैं। हालांकि यह तो मैच का रिजल्ट ही बताएगा कि, किस टीम की बल्लेबाजी कितना गहरा इंपैक्ट छोड़ती है।
टीम की गेंदबाजी भी ठीक-ठाक है, जिसमें ट्रेंट बोल्ट, टिम सऊदी, लॉकी फर्ग्यूसन शामिल हैं। हालांकि मैट हेनरी की जरूर कमी खलेगी। क्योंकि लीग मुकाबले में मैट हेनरी ही इकलौते गेंदबाज थे, जिनकी गेंदबाजी भारतीय टीम के बल्लेबाजों के पल्ले नहीं पड़ रही थी।
मिचेल सेंटनर के रूप में टीम के पास एक ऐसा स्पिनर है, जो बल्लेबाजों को बांधे रखता है।
भारत
रोहित शर्मा (कप्तान), शुबमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जड़ेजा, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, जसप्रित बुमरा, मोहम्मद सिराज
न्यूज़ीलैंड
डेवोन कॉनवे, रचिन रवींद्र, केन विलियमसन (कप्तान), डेरिल मिशेल, ग्लेन फिलिप्स, टॉम लैथम (विकेटकीपर), मार्क चैपमैन, मिशेल सेंटनर, टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, लॉकी फर्ग्यूसन
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